दहेज के बिना शादी के संकल्प का परिणाम

मित्रो! दहेज को लेकर विद्यालयों में अध्ययन के दौरान बड़ा ही भयावना 

चित्र प्रस्तुत किया जाता है। यही नहीं सामाजिक संस्थाओं द्वारा, पत्र-

पत्रिकाओं द्वारा बड़ें ही भावपूर्ण ढंग से दहेज के विरोध में अनेक प्रकार से

 भाषण/आलेख प्रस्तुत किए जाते हैं। किंतु व्यवहार में दहेज के बिना कोई

 विवाह नहीं देखा जाता। परंपरा के नाम पर लड़के व लड़के वालों को किस 

तरह दहेज लेने के लिए मजबूर किया जाता है, बिना दहेज शादी होने पर  

महिला की गलतियों को छिपाने के लिए किस प्रकार दहेज एक्ट के तहत 

झूठे मुकदमे दर्ज कराकर लड़के व लड़के के परिवार वालों को किस प्रकार 

प्रताड़ित किया जाता है। इस प्रकार के समाचार आये दिन पत्र-पत्रिकाओं 

में छपते रहते हैं। इसी पृष्ठभूमि पर आधारित एक लम्बी कहानी 

धारावाहिक रूप में यहाँ प्रस्तुत की जा रही है-

“दहेज के बिना शादी के संकल्प का परिणाम”

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